दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जो पुराने रेलवे पुल पर 205.52 मीटर दर्ज किया गया है। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए संबंधित एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अस्थायी टेंट लगाए गए हैं।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर और मयूर विहार में नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अस्थायी रूप से ठहराने के लिए टेंट लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि रात आठ बजे यमुना का जलस्तर 205.52 मीटर था। यमुना नदी के जलस्तर को लेकर शहर के लिए चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर है और खतरे का निशान 205.3 मीटर है व निकासी 206 मीटर से शुरू होती है। पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है।
हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ रहा है
केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। पूर्वानुमान के अनुसार, रविवार शाम तक जलस्तर में गिरावट आने की संभावना है।’ बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 53,950 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और वजीराबाद बैराज से हर घंटे 51,210 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। ऊपरी इलाकों से छोड़े गए कम पानी से भी जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे शहर में पानी चेतावनी के निशान के करीब पहुंच रहा है।