मनीष सिसोदिया ने जंतर-मंतर के मंच से कहा कि 2002 में, जब मैं एक पत्रकार था, मैंने ₹ 5 लाख का एक फ्लैट खरीदा था, उसे ईडी ने जांच के दौरान छीन लिया था। मेरे खाते में ₹ 10 लाख थे, वह भी छीन लिया गया था। मुझे अपने बेटे की फीस देने के लिए मदद मांगनी पड़ी थी। मैंने उनसे कहा था कि मुझे अपने बेटे की फीस देनी है और ईडी ने मेरा बैंक खाता फ्रीज कर दिया है।
मुझे तोड़ने की कोशिश की गई- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने मंच से कहा कि मुझे आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए तमाम धमकियां और लालच दिए गए। लेकिन मैं टूटा और घबराया नहीं। हम अरविंद केजरीवाल जी के सिपाही हैं और उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। BJP वाले जब मेरे मेरे पास आते थे तो मैं यही जवाब देता था कि तुम लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश कर रहे हो, दुनिया के किसी रावण में इतनी ताक़त नहीं है जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके।