SHO के ट्रांसफर के बाद लोग रो पड़े और सोशल मीडिया पर संदेशों की बाढ़ आ गई। स्थानीय लोगों ने उन्हें अपने परिवार का सदस्य बताया। बता दें कि मनोहर मिश्रा एक काबिल पुलिस अफसर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन गायक भी हैं। उन्होंने अपनी ड्यूटी के अलावा, गायन और जनता से जुड़ाव के माध्यम से लोगों के दिलों में जगह बनाई। उन्होंने थाने को जनता के लिए हमेशा खुला रखा और हर संभव मदद की।
गायकी को बनाया लोगों से जुड़ने का जरिया
दरअसल, इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्रा सिर्फ एक अच्छे पुलिस अफसर ही नहीं थे, बल्कि वे एक शानदार गायक भी हैं। उन्होंने गाने को लोगों से जुड़ने का जरिया बनाया। कांवड़ यात्रा हो या छठ पूजा या फिर गणेश उत्सव, हर जगह उनके भजनों की खूब डिमांड रही। थाने से लेकर मंदिरों तक, हर जगह उनकी आवाज गूंजती रही।

दिल्ली पुलिस के एसएचओ मनोहर मिश्रा।
SHO की मेज पर केक काटते थे बच्चे
उनके थाने में लोगों को बिना किसी रोक-टोक के आने की इजाजत थी। बच्चे अपना जन्मदिन मनाने थाने आते थे और SHO की मेज पर केक काटते थे। मनोहर को जब किसी बच्चे या बुजुर्ग के बारे में पता चलता, तो वे खुद केक लेकर उनके घर पहुंच जाते थे।
बच्चे की साइकिल चोरी हुई तो किया ये
एक बार एक 10 साल का बच्चा थाने आया और उसने बताया कि उसकी साइकिल चोरी हो गई है। SHO मिश्रा ने उसे शाम को बुलाया और अपने पैसे से एक नई साइकिल खरीदकर उसे दे दी। इस घटना से बच्चे और उसके माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू झलक आए।
गरीबों के लिए एक साल से चला रहे थे केंद्र
एक दिन उन्होंने सड़क पर एक बेघर आदमी को गायों के लिए रखी रोटी खाते हुए देखा। यह देखकर उनका दिल भर आया। इसके बाद उन्होंने थाने के पास ही एक मुफ्त भोजन केंद्र शुरू किया। वहां हर दिन 12 से 2 बजे तक गरीबों को भरपेट खाना मिलता है। यह सेवा पिछले एक साल से लगातार चल रही है।